यात्रा के दौरान: एक दोस्ती की कहानी

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एक लड़की हुआ करती थी जिसे सबने हमशा जल्दबाजी खेलते हुए ही देखा था. वो हमेशा सबसे जल्दी हुए बातें करती बच्चों के साथ खेलती खुद उनके साथ बचाती बन जाती थी. फ्र उसकी एक साधरण सी जिंदगी में एक लडकाता है. जो कि उसे क्लास में पढ़ा करता था. एक क्लास में होने की वजह से दोनो की बात चित्त होने लगी... धीरे धीरे दोनो अच्छे दोस्त बन गए. एक दूसरे से अपनी शायरी बातें शेयर करने लगे एक दूसरे के साथ घुमना शुरू कर चुके थे. तो अच्छे दोस्त की वजह से उनकी रोज़ बातें होने लगी और एक दिन लड़की को उसके दोस्तों से पता चलता है कि वो लडका हमें पसंद करता है. उससे प्यार करता है. ये एक अलग बात थी कि आज तक इतना क्लोज होने के बावजूद हमें कभी नहीं मिलते हैं को ये नहीं बताता था कि वो हमसे प्यार करने लगा है और उसे पसंद करता है।

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अब वो लड़की इस पूरी कहानी को अपने एक दोस्त को रखता है:

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जिस्मे वो कहती है कि वो लडका यूज पसंद करता है यूज भोट चाहता है पगलो की तरह प्यार करता है..मुझे छोटी से छोटी तकलीफ होने पर यूज मुझसे ज्यादा दर्द होता था...कोई ऐसे भी किसी को चाह सकता है मैं एक अभी सोचता भी नहीं था और मुझे ये बत को याकिन में काफी समय लगाऊंगा..लेकिन समय के साथ साथ मुझे ये फील होने लगा कि सच में ये लडका मेरी चिंता करता है… मेरा ख्याल रखता है… और उसके प्यार में वो पागल पान देख पा रही थी माई….मेरी खुशी के लिए वो कुछ भी कर देता था। हमें मिले ने बिना इस बात का जिक्र किया कि मुझसे बातें करना अच्छा लगता है..मेरे साथ वक्त थोड़ा अच्छा लगता है...बड़ी ही चलती से मुझसे दोस्ती के लिए पूछा।

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जिस्मे वो कहती है कि वो लडका यूज पसंद करता है यूज भोट चाहता है पगलो की तरह प्यार करता है..मुझे छोटी से छोटी तकलीफ होने पर यूज मुझसे ज्यादा दर्द होता था...कोई ऐसे भी किसी को चाह सकता है मैं एक अभी सोचता भी नहीं था और मुझे ये बत को याकिन में काफी समय लगाऊंगा..लेकिन समय के साथ साथ मुझे ये फील होने लगा कि सच में ये लडका मेरी चिंता करता है… मेरा ख्याल रखता है… और उसके प्यार में वो पागल पान देख पा रही थी माई….मेरी खुशी के लिए वो कुछ भी कर देता था। हमें मिले ने बिना इस बात का जिक्र किया कि मुझसे बातें करना अच्छा लगता है..मेरे साथ वक्त थोड़ा अच्छा लगता है...बड़ी ही चलती से मुझसे दोस्ती के लिए पूछा।

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उस दिन हम दोनों कॉलेज में जल्दी आ गए द और क्लास में कोई नहीं था...और उससे मुझसे पूछा क्या मैं आपका हाथ पकड़ सकता हूं पहले तो मुझे भोट हुआ कि ये लडके को क्या हो गया है ये क्यों ऐसे बोल रहा है... लेकिन मुझसे उसे पर भरोसा था...की वो कोई गलत काम नहीं करेगा...उसकी आंखों में डराती थी और मैं वो देख पा रही थी कि वो मुझसे कितना प्यार करता था...उसके हाथ मांगे पर मैं उसे मना नहीं कर पाई और मैंने उसे अपना हाथ दे दिया...हाथ पकड़ते ही मेरी आंखों में देखकर बोला कि क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी..मुझे तुम अच्छी लगती हो...और मैं हमेशा तुम्हारा अच्छा दोस्त बन कर रहना चाहता हूं...उसकी ये शाइइ भरी आंखों को देखकर मैं खुद रोक्क नहीं पाई और मैंने इस्तेमाल किया हंस कह दिया कि हां मैं भी तुम्हारी अच्छी दोस्त बन कर रहना चाहती हूं...जितनी बात होती ही वो लड़का वहा से मुस्कुराता हुआ चला जाता है और मेरी हां बोलने की खुशी चेहरे पर साफ दिख रही दे राही थी... 

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ऐसे ही धीरे धीरे हमने अपने फोन नंबर एक दूसरे से शेयर कर लिए और वक्त के हिसाब से हमारी रोज बातें होने लगी और अब मुझे भी उससे बात करना अच्छा लगने लगा था... मेरे आस पास के लोगो को समझने लग गए गया था कि कुछ तो हुआ है मुझे कुछ तो बैट है...फ्र एक दिन ऐसा आया कि उसने मुझे आई लव यू कहा लेकिन मुझे वक्त लगा लेकिन मैंने भी अपने प्यार का दीया कर दिया और इस्तेमाल करता हूं बता दिया कि हां मैं भी तुमसे उतना ही प्यार करती हूं जितना कि तुम मुझसे करते हूं... यहां से हमारी ये कहानी शुरू होती है...

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आगे क्या होगा इसकी चिंता न उसे थी, न मुझे. हम दोनों का सारा समय एक-दूसरे के साथ बीतने लगा.बिताये गए एक-एक पल मुझे हमेशा याद रहेंगे.मेरी कमियाँ भी उसे मेरी खूबी लगती थी.

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सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था हम एक दूसरे के साथ घूमने लगे फिल्में देखने लगे…..सब कुछ मनो एक सपना सा लगने लगा था….लेकिन एक दिन वक्त ने करवट ली और मेरे पिताजी ने 21 साल में मेरी शादी पक्की करदी… मुझे अब उसे या उसके परिवार को बताया गया था। मैंने कभी सोचा हीं नहीं था कि जल्द ही मेरे सामने ये मजबूरी आज ही आएगी। वह किसीभीहद तक जाने को तैयार था, मेरा साथ पाने के लिए। लेकिन मैं विशेष थी, कि अगर मैं घर से भाग गया हूं तो मेरे घर का पता जीना मुश्किल हो जाएगा….और दिल पर पत्थर रख कर मैंने उसके साथ भगने से, आना कर दिया और उस दिन मैंने अपने मां बाप को चुना…। भी वो काफ़ी कोशिश करता रहता है मेरी शादी किसी और बी से ना होने देने की...लेकिन एक दिन मेरी शादी होगी और सब घर वाले खुश द सिवे उस लड़के के...।

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फाइनल वो खुश होता भी तो कैसे, उसने मुझे अपनी पूरी दुनिया जो बना लिया था। गलती से मेरीथी, मुझे उसे पहले ही रोक देना चाहिए था। जब वोअपना सब कुछ मुझ पर लुटा रहा था। मुझे दुख दिया का कोई हक नहीं था…..जिंदगी ममे मैं तो उम्र बढ़ गई लेकिन वो अज भी वही और मुझसे ही प्यार करता रहा.

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एक दिन मेरी उससे मुलाकात हुई और उसका हाल और भी बेहाल हो चूका था….. मैंने अपनी गलती मणि और उससे माफ़ी मांगी....लेकिन उसके सच्चे प्यार ने मुझे मेरी गलतियों के लिए भी माफ़ कर दिया और रखुश रहना हमेशा हमेशा के लिए बोलकर वो वहां से चलगया……जिंदगीमे उससे प्यार मिलना काफी मुश्किल था लेकिन कहते हैं एक नसीब से बढ़कर आज तक किसी को नहीं मिला…..तो इस तरह ये कहानी यहां खत्म होती है…….